जो वित्तमंत्री के ओला, उबर वाले बयान को नहीं पचा पा रहे वो मारुति की तरफ से जारी इस बयान को पढ़े

जो वित्तमंत्री के ओला, उबर वाले बयान को नहीं पचा पा रहे वो मारुति की तरफ से जारी इस बयान को पढ़े

मारुति के एक वरिष्ठ अध‍िकारी ने कहा था कि वे वित्त मंत्री के इस बयान के साथ इससे इत्तेफाक नहीं रखते। फिलहाल अब मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने एक इंटरव्यू में अब इस बात को स्वीकारते हुए उन्होंने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को सही ठहराया है।


नई दिल्ली। कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार बाजार में मंदी को लेकर बयान दिया था कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बीएस6 और लोगों की सोच में आए बदलाव का असर पड़ रहा है, लोग और खासकर मिलेनियल पीढ़ी के लोग अब गाड़ी खरीदने की बजाय ओला या उबर को तरजीह दे रहे हैं।

उनके इस बयान पर मारुति के एक वरिष्ठ अध‍िकारी ने कहा था कि वे वित्त मंत्री के इस बयान के साथ इससे इत्तेफाक नहीं रखते। फिलहाल अब मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने एक इंटरव्यू में अब इस बात को स्वीकारते हुए उन्होंने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को सही ठहराया है। बता दें कि मारुति सुजुकी ने भी यह मान लिया है कि ओला, उबर जैसी एग्रीगेटर टैक्सी सेवाओं की वजह से कार बाजार में मंदी आई है।

मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने बिजनेस अखबार मिंट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘ओला और उबर जैसी राइड-हेलिंग कंपनियों की वजह से भारतीय युवा अब कहीं आने-जाने के लिए कार खरीदने की जरूरत नहीं समझते और इसकी जगह वे अपनी आय का ज्यादा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर लगाते हैं।’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हाल का बयान ‘सही’ है। उन्होंने यह भी कहा कि कारों की कीमतें बढ़ने के साथ ही भारतीयों की क्रयशक्ति नहीं बढ़ रही। 

उन्होंने कहा कि भारत में लोगों की प्रति व्यक्ति आय महज 2,200 डॉलर (करीब 1.56 लाख रुपये औसतन सालाना) है, जबकि यूरोप में इसका 18 गुना करीब 40,000 डॉलर। लेकिन भारत और यूरोप में कारों के स्टैंडर्ड में कोई अंतर नहीं है। टैक्स तो यहां यूरोप और चीन से काफी ज्यादा है। ऐसे में किस तरह से उम्मीद की जा सकती है कि यहां ज्यादा से ज्यादा लोग कार अफोर्ड कर सकें।

गौरतलब है कि कारों और अन्य वाहनों की बिक्री में गिरावट का सिलसिला लगातार 10 महीने से जारी है। अगस्त में भी कारों की बिक्री में 29 फीसदी की भारी गिरावट आई है। मारुति सुजुकी की कारों की बिक्री में तो 36 फीसदी की भारी गिरावट आई है। इसके बाद ऑटो सेक्टर की उम्मीदें 20 सितंबर को होने वाली जीएसटी बैठक पर टिक गई हैं कि आखिर सरकार से इस सेक्टर को क्या राहत मिलती है।