Live : पटेल की जयंती पर बोले पीएम मोदी- ‘सदियों की कोशिशों के बाद भी, हमें कोई मिटा नहीं सका’

Live : पटेल की जयंती पर बोले पीएम मोदी- ‘सदियों की कोशिशों के बाद भी, हमें कोई मिटा नहीं सका’

एकता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, हम लोगों ने सरदार पटेल जी के ये विचार सुने। उनकी वाणी में जो शक्ति थी, उनके विचारों में जो प्रेरणा थी, उसे हम महसूस कर सकते हैं।


नई दिल्ली। एकता दिवस के मौके पर जवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मॉक ड्रिल ने करके दिखाया। इस दौरान यहां एक मॉक आतंकी हमले का रुपांतरण किया गया और किस तरह जवानों ने इसका सामना किया, ये प्रदर्शित किया गया। इस मौके पर लोगों को सरदार पटेल का भाषण भी सुनाया गया। जिसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि हम लोगों ने सरदार पटेल जी के ये विचार सुने। उनकी वाणी में जो शक्ति थी, उनके विचारों में जो प्रेरणा थी, उसे हम महसूस कर सकते हैं।

बता दें कि पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कल(बुधवार) रात ही गांधीनगर पहुंच गए थे और अपनी मां हीराबेन से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया था।

पीएम ने कहा- 

जब हमारी विविधताओं के बीच, एकता पर बल देने वाली बातें होती हैं, तो इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलता है। जब हमारी विविधताओं के बीच, हम एकता के मार्ग पर चलते हैं, तो इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलता है। 

लेकिन वो भूल जाते हैं कि सदियों की ऐसी ही कोशिशों के बावजूद, हमें कोई मिटा नहीं सका, हमारी एकता को परास्त नहीं कर सका। 

मैं आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर, प्रत्येक देशवासी को देश के समक्ष मौजूद ये चुनौती याद दिला रहा हूं।जो हमसे युद्ध में नहीं जीत सकते, वो हमारी इसी एकता को चुनौती दे रहे हैं। 

21वीं सदी में भारत की यही एकता, भारतीयों की यही एकता, भारत के विरोधियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। आज विश्व मंच पर हमारा प्रभाव और सदभाव, दोनों बढ़ रहा है, तो उसका कारण हमारी एकता है। 

आज पूरी दुनिया, भारत की बात गंभीरता से सुनती है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है, तो उसका कारण, हमारी एकता है। 

हमेशा याद रखना होगा कि शताब्दियों पहले, तमाम रियासतों को साथ लेकर, एक भारत का सपना लेकर, राष्ट्र के पुनुरुद्धार का सफल प्रयास चाणक्य ने किया था।चाणक्य के बाद अगर ये काम कोई कर पाया तो वो सरदार पटेल ही थे।

सरदार पटेल जब एकता का मंत्र लेकर निकले, तो सभी उसकी छत्रछाया में खड़े हो गए। 

जब सरदार पटेल, पाँच सौ से ज्यादा रिसायतों के एकीकरण के भगीरथ कार्य के लिए निकले थे, तो यही वो चुंबकीय शक्ति थी, जिसमें ज्यादातर राजे-रजवाड़े खिंचे चले आए थे। 

जब विदेशी धरती पर मेडल जीतने के बाद तिरंगा लहराता है, तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, महाराष्ट्र से लेकर मणिपुर तक, एक साथ रोमांचित हो उठता है, सबकी भवनाएं उभार पर आ जाती हैं। 

We the People of India, हम भारत के लोग, ये तीन-चार शब्द नहीं हैं, सिर्फ हमारे संविधान की शुरुआत नहीं हैं। 

ये हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयों की एकता का प्रतिबिंब है। मैं मानता हूं कि अपनी एकता की इस ताकत का पर्व निरंतर मनाना बहुत आवश्यक है।

एकता की ये ताकत ही है जिससे भारतीयता का प्रवाह है। यहां पटना में प्रकट हुए गुरू गोबिंद सिंह, पंजाब में जाकर, देश की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना करते हैं यहां रामेश्वरम में पैदा हुए एपीजे अब्दुल कलाम, दिल्ली में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होते हैं। 

ये वो ताकत है जो पूरी दुनिया में किसी और देश में नहीं मिलेगी। यहां दक्षिण से निकले आदि शंकराचार्य, उत्तर में मठों की स्थापना करते हैं। 

यहां बंगाल से निकले स्वामी विवेकानंद को देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में नया ज्ञान प्राप्त होता है।

जब हम विभिन्न पंथों-संप्रदायों की परंपराओं, आस्थाओं का सम्मान करते हैं तो सदभाव-स्नेहभाव में और वृद्धि हो जाती है।इसलिये हमें हर पल, विविधता के हर अवसर को सेलिब्रेट करना है। 

और यही Nation Building है। विविधता का सेलिब्रेशन, विविधता का उत्सव उसमें छुपी एकता का स्पर्श कराता है, उसे बाहर ला देता है। 

जब हम देश की अलग – अलग भाषाओं और सैकड़ों बोलियों पर गर्व करते हैं तो भाव का बंधन बन जाता है। 

विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, हमारी पहचान है। हमारे यहाँ विविधता को, diversity को सेलिब्रेट किया जाता है।हमें विविधता में विरोधाभास नहीं दिखता बल्कि उसमें अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है। 

पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने।एकरूपता, उन देशों की विशेषता रही, पहचान रही। 

लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता। पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने। 

एकरूपता, उन देशों की विशेषता रही, पहचान रही। लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता।

मोदी ने कहा, “अब से कुछ देर पहले ही राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ संपन्न हुई है। देश के अलग-अलग शहरों में, गावों में, अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है।” 

पीएम ने कहा कि, आज ये प्रतिमा, सिर्फ भारतवासियों को ही नहीं, पूरे विश्व को आकर्षित कर रही है, प्रेरित कर रही है।आज इस प्रेरणा स्थली से, सरदार पटेल को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संपूर्ण राष्ट्र गौरव का अनुभव कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा- “जिस तरह किसी श्रद्धास्थल पर आकर, असीम शांति मिलती है, एक नई ऊर्जा मिलती है, वैसी ही अनुभूति मुझे यहां सरदार साहेब के पास आकर होती है।”

एकता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, हम लोगों ने सरदार पटेल जी के ये विचार सुने। उनकी वाणी में जो शक्ति थी, उनके विचारों में जो प्रेरणा थी, उसे हम महसूस कर सकते हैं।