चंद्रयान 2 पर बोले मोदी, ‘वैज्ञानिक अनुसंधान नूडल्स बनाने या पिज्जा खरीदने की तरह नहीं होता

चंद्रयान 2 पर बोले मोदी, ‘वैज्ञानिक अनुसंधान नूडल्स बनाने या पिज्जा खरीदने की तरह नहीं होता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में बिना विज्ञान और तकनीक के तरक्की करने वाला कोई देश नहीं है। पीएम मोदी ने कहा, भारत ने दुनिया को कई महान वैज्ञानिक दिए हैं। हमारा इतिहास हमें गौरवान्वित करता है। 


देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि विज्ञान में विफलता नहीं होती। इसमें सिर्फ कोशिश होती हैं, प्रयोग होते हैं और सफलता होती है। चंद्रयान -2 एक सफल मिशन था और इस मिशन ने युवाओं और वयस्कों के बीच विज्ञान के बारे में उत्सुकता पैदा की है। 

पीएम मोदी ने कहा कि ‘वैज्ञानिक अनुसंधान तुरंत नूडल्स तैयार करने या पिज्जा खरीदने की तरह नहीं होता है, इसके लिए धैर्य की आवश्यकता होती है और इस तरह के शोध के परिणाम लोगों को दीर्घकालिक समाधान प्रदान कराते हैं। दुनिया का कोई भी देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बिना प्रगति नहीं कर सकता। 
इन बातों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ने पर न तो विज्ञान के क्षेत्र में और न ही जीवन में दिक्कत नहीं आएगी। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने चंद्रयान -2 की मिसाल देते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं।

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोलकाता में शुरू हुए चार दिवसीय पांचवें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 पर कड़ी मेहनत की। सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ लेकिन मिशन सफल रहा। 

यदि आप व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें, तो आप देखेंगे कि यह भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की सूची में एक प्रमुख उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि ‘इसरो के ग्राउंड स्टेशन पर चंद्रयान -2 के विक्रम लैंडर के साथ संपर्क सात सितंबर की तड़के अपनी सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले खो गया था। यदि विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक लैंड हो जाता, तो देश चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाले देशों अमेरिका, रूस और चीन में शामिल हो सकता था। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं है जिसने विज्ञान व तकनीक के बिना प्रगति की हो। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के बिना कोई देश प्रगति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को चोटी के कई वैज्ञानिक दिए हैं। 

मोदी ने कहा कि इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के पांचवें संस्करण का यह आयोजन ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा करने वाले स्थान पर हो रहा है। यह महोत्सव ऐसे समय में हो रहा है, जब सात नवंबर को सीवी रमन और 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बोस की जन्मजयंती मनाई जाएगी।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारा वर्तमान भी विज्ञान से पूरी तरह से प्रभावित है। भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि हम मानव मूल्यों के साथ विज्ञान और तकनीक को लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा, सरकार नवीनता और अविष्कार को संस्थान के स्तर पर सहयोग कर रही है। विज्ञान और तकनीक को लेकर बनाया गया इकोसिस्टम और मजबूत हुआ है।